मेरा कलाम मर रही हिन्दी के नाम पर
मेरा सलाम मर रही हिन्दी के नाम पर
मेरा सलाम मर रही हिन्दी के नाम पर
मेरे हृदय से पूछिए मेरे विचार को
मेरा प्रणाम मर रही हिन्दी के नाम पर
करते हैं याद हर बरस दिन्दी दिवस पे हम
ये इन्तज़ाम मर रही हिन्दी के नाम पर
हर रोज़ एक पृष्ठ भर लिखना ऐ देस्तो
ये त्राहिमाम मर रही हिन्दी के नाम पर
दण्डित हो वो सन्तान जो मॉं को ही भुलाए
ये साम दाम मर रही हिन्दी के नाम पर
सुनील कुमार ‘नील’
निरीक्षक
डाक पटियाला मण्डल दूरभाषः 09418470707
1 comment:
http://nannuneel.blogspot.in
Post a Comment